Facts About bhairav kavach Revealed

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ದೀಪ್ತಾಕಾರಂ ವಿಶದವದನಂ ಸುಪ್ರಸನ್ನಂ ತ್ರಿನೇತ್ರಂ

भक्तियुक्तेन मनसा कवचं पूजयेद्यदि ॥ २५॥

भुजङ्गभूषिते देवि भस्मास्थिमणिमण्डितः ।



ನಾಸಾಪುಟೌ ತಥೋಷ್ಠೌ ಚ ಭಸ್ಮಾಂಗಃ ಸರ್ವಭೂಷಣಃ

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः

तस्य पादाम्बुजद्वन्दं राज्ञां मुकुटभूषणम् ॥ २६॥



वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय click here आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।

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चण्डिकातन्त्रसर्वस्वं बटुकस्य विशेषतः ॥ ४॥

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